श्री बाला जी महाराज के दरवार में दरखास्त क्या होती है? अर्जी क्या होती है? सवामणि क्या होती या प्रसाद घर लाना चाहिए या नही?
तो आइये जानते श्री बाला जी महाराज जी के भोग के विषय में-
भक्तो श्री मेहंदीपूर धाम में हर भक्त को दरखास्त लगानी चाहिए ये दरखास्त आपको मंदिर परिसर के पास किसी भी दुकान से मिल जाती है। इस दरखास्त में लड्डू, बतासे ओर घी होता है ये 10 रुपये की आती है दरखास्त का सर्व-प्रथम भोग श्री बाला जी महाराज जी का भोग लगता है फिर भैरो बाबा और फिर प्रेतराज सरकार का भोग उसके बाद सभी भक्तो वो दरखास्त का दौना अपने उपर से उतार कर मंदिर परिसर के बाहर एक स्थान है वहाँ पे पशु-पक्षियों के लिए डाल दिया जाता है मेहन्दीपुर धाम में जब हम जाए तो आने की दरखास्त, और जब वहाँ से वापिस आएँ तो वापिस आने की दरखास्त, यदि कोई भक्त कम समय की वजह से दुबारा दर्शन नही कर पा रहे है तो वो भक्त आने-जाने की दरखास्त एक बार में भी लगा सकते है और वहाँ पे ऐसी मान्यता है कि की दरखास्त हर भक्त को लगनी चाहिए।
2. अर्जी :-यदि हमारी कोई मनोकामना है या कोई प्राब्लम है तो उसके लिए हम श्री बाला जी महाराज जी के मंदिर में अर्जी लगाते है। अर्जी 281 रूपये की लगती है जिसमे बाला जी महाराज का लड्डू का भोग, भैरो बाबा का काली उर्द का भोग और प्रेतराज सरकार का चावल का भोग लगाया जाता है। ऐसी मान्यता है की जब अर्जी स्वीकार हो जाती है तो कुछ भक्त बाबा के दरवार में सवामणि करते है ओर कुछ भक्त हर बार सवामणि करते है। अर्जी का भोग लगाने का टाइम प्रातः 7:30 से 12:00 बजे तक होता है अपनी-अपनी श्रद्धा के अनुसार सवामणि का भोग लगाते है।
नोट : - एकादशी के दिन श्री बाला जी मंदिर मे अर्जी का भोग नही लगता। यदि आपका अर्जी लगाना बेहद आवश्यक है तो आप लाल कपड़े में 281 रुपये बाँधकर श्री बाला जी महाराज के मंदिर मे अर्पित करें। क्योंकि अर्जी के भोग में प्रेतराज सरकार जी का चावल का भोग लगता है और एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित होता है। इसलिए एकादशी के दिन अर्जी नही लगती है।
3. सवामणि :-
श्री बालाजी महराज से मांगी कामना पूरी होने पर सवामणि का भोग लगाया जाता है । सवामणि के प्रसाद में हलुआ पूड़ी एवं लड्डू पूड़ी का भोग लगता है । सवामणि के भोग लगने का समय 11.30 बजे से लगभग 2.00 बजे तक होता है । सवामणि का भोग तीनो देव श्री बाला जी महाराज जी, श्री भैरव बाबा जी और श्री प्रेतराज सरकार जी का लगता है । सवामणि श्री राम दरबार में स्थित श्री राम दूत प्रसाद समिति द्वारा अथवा मंदिर के बहार किसी भी दूकान पर आर्डर करने पर आपको प्राप्त हो जाएगी । सवामणि का भोग स्वयं दरबार आकर लगवाना चाहिए ।
4. राज भोग :-राजभोग मंदिर परिसर मे ट्रस्ट द्वारा लगाया जाता है जिसका भोग श्री बाला जी महाराज को लगाया जाता है, फिर सभी भक्तो को श्री बाला जी महाराज जी के दर्शन बाद राज भोग का प्रसाद मिलता है। भक्तो राज भोग अमृत होता है हमारे बालाजी महाराज जी का। राज भोग श्री बाला जी महाराज के भवन मे मिलता है ओर सभी भक्तो को प्रेम पूर्वक खाना चाहिए एवं घर ले जाना चाहिए।
5. श्री बालाजी महाराज का जल :-
श्री बालाजी के मंदिर की विशेषता है कि बालाजी मंदिर में सुबह और शाम को आरती के बाद बाबा के जल के छींटे मिलते है। जिस किसी व्यक्ति को इस जल के छींटे मिलते है वह बहुत भाग्यशाली होते है, क्योंकि बालाजी का जल अमृत समान है। श्री बालाजी महाराज की बाईँ ओर हृदय के नीचे से एक बारीक जलधारा निरन्तर बहती रहती है जो पर्याप्त चोला चढ जाने पर भी बंद नही होती। भक्तजन यदि चाहे तो बाबा जी का जल का वितरण केवल सुबह 8 बजे से 10 तक होता है । जल का वितरण समाधि वाले बाबा के पास होता है।
जय सियाराम जी ||
जय हो मेरे बाला जी ||
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